उदयपुर शहर के फतहपुरा स्थित आलोक स्कूल में 13 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म का आरोपी जिम इंस्ट्रक्टर (ट्रेनर) प्रदीप सिंह झाला को अंबामाता थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी में खास बात यह भी रही कि पुलिस आरोपी प्रदीप सिंह झाला को घटनास्थल की तस्दीक के लिए आलोक स्कूल लेकर गयी, जहां उसने स्कूल से भागने का प्रयास किया, तभी उसका पैर गड्ढे में पड़ कर फ्रैक्चर हो गया। आरोपी ने जिस स्कूल में छात्रा के साथ कुकृत्य किया था, वहीं उसकी टांग भी टूट गयी।
एसपी योगेश गोयल ने बताया कि आरोपी प्रदीप सिंह झाला को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी वारदात के बाद पिछले 9 दिनों से भागा हुआ था, उदयपुर पुलिस उसका लगातार पीछा कर रही थी, वह उदयपुर से फरार होकर गोवा गया, पुलिस के पकड़े जाने के डर से वह वहां से मुंबई भागा, इसके बाद उसने कर्नाटक और गुजरात में भी फरारी काटी। उदयपुर पुलिस ने आरोपी के सभी बैंक खाते फ्रीज करवा दिए थे। जब उसे कहीं से मदद नहीं मिली और रूपए भी खत्म हो गए, तो वह उदयपुर लौटा, तब पुलिस ने उसे धरदबोचा। आरोपी की गिरफ्तारी में अंबामाता थानाधिकारी मुकेश सोनी के नेतृत्व में एएसआई आसिफ मोहम्मद, हेडकांस्टेबल नरेश कुमार, भरत सिंह, कांस्टेबल नंदकिशोर गुर्जर, आलोक कुमार, सुरेश कुमार, ओमप्रकाश, हरिकिशन, निलेश कुमार, राजकमल, चेतनदास और नरेन्द्र कुमार की मुख्य भूमिका रही है।

थानाधिकारी मुकेश सोनी ने बताया कि पुलिस ने 6 राज्यों में लगातार 2500 किलोमीटर तक उसका पीछा किया। एक राज्य से दूसरे राज्य भागने में आरोपी के पास मौजूद सभी रूपए खत्म हो गए और सभी बैंक खाते फ्रीज होने से उसे कहीं से भी मदद नहीं मिल पा रही थी। इस पर आज मंगलवार को रूपए लेने के लिए वह उदयपुर आ रहा था, तभी अंबामाता थाना पुलिस ने उसे धरदबोचा। आरोपी प्रदीप सिंह झाला पूर्व में भी डकैती की योजना बनाते अवैध पिस्टल सहित अन्य हथियारों के साथ पकड़ा जा चुका है। उसके खिलाफ चोरी, डकैती की योजना बनाने, आर्म्स एक्ट सहित अन्य संगीन मामलों में मुकदमें दर्ज है। इन मामलों में आरोपी गिरफ्तार हो तीन महीनों तक जेल में भी रह चुका है।
स्कूल में ही पैर हुआ फ्रैक्चर: पुलिस ने आरोपी को घटनास्थल की तस्दीक के लिए आलोक स्कूल लेकर गयी, इसी दौरान आरोपी प्रदीप सिंह झाला ने पुलिस कस्टडी से भागने का प्रयास किया। वह स्कूल के पास से जा रही आयड़ नदी के रास्ते भागने की फिराक में था। वह नदी की तरफ जाता, इससे पहले ही उसका पैर गड्ढे में फंस गया और पैर फ्रैक्चर हो गया। खास बात है कि पैर फ्रैक्चर होने की यह सजा और दर्द उसे नियति ने दी या किसी और ने, लेकिन ऐसे हैवानों की टांगे टूटनी भी चाहिए, ताकि फिर किसी बच्ची के साथ घिनौना कृत्य करने के लिए ये इन पैरों पर खड़े होने लायक ही न रहें।