जैसलमेर से करीब 70 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ उपखंड के डांगरी गांव में किसान की हत्या के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार-बुधवार को गांव में प्रदर्शन किया, जिसके दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
हत्या से भड़का आक्रोश
2 सितंबर की रात सुमेल गांव के किसान खेत सिंह (50) की खेत में धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि खेत सिंह ने कुछ लोगों को हिरण का शिकार करने से रोका था। इससे नाराज होकर हमलावरों ने रंजिशन उनकी हत्या कर दी। गंभीर हालत में खेत सिंह को पहले फतेहगढ़ और फिर बाड़मेर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
खेत सिंह के परिवार में पत्नी, एक बेटी और तीन बेटे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि 10 दिन पहले ही हमलावरों ने उन्हें धमकी दी थी।
प्रदर्शन और आगजनी
हत्या के विरोध में बुधवार को गांव का बाजार बंद रहा। शाम को प्रदर्शनकारियों ने टायर-ट्यूब की दुकान में आग लगा दी, जिसकी लपटों ने पास की तीन अन्य दुकानों को भी चपेट में ले लिया। देर रात करीब 11 बजे भीड़ ने आरोपियों के डंपर को भी आग के हवाले कर दिया। हालात काबू से बाहर होते देख गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने उपद्रव करने वाले 26 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। साथ ही, तीन आरोपियों को भी डिटेन किया गया है। गांव और आसपास के इलाकों में आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है।

नेताओं का धरना और अल्टीमेटम
गांव में भाजपा नेता स्वरूप सिंह खारा, जिलाध्यक्ष दलपत राम मेघवाल और पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी समेत कई नेता पहुंचे। उन्होंने प्रशासन को आरोपियों के मकान और अवैध कब्जे तुरंत हटाने का अल्टीमेटम दिया। नेताओं ने कहा कि अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता तो ग्रामीण खुद अतिक्रमण हटाएंगे। इस दौरान सरकारी जमीन पर बने एक धार्मिक स्थल को भी हटाने की मांग उठी।
स्वरूप सिंह खारा ने कहा – “यहां के लोग हमारी परीक्षा ले रहे हैं। पत्थरबाजी कर कश्मीर जैसे हालात बनाने की कोशिश हो रही है। अब हमें आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी।”
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा – “ऐसी घटनाओं का लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है। दोषियों को कठोरतम सजा मिलेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।”
वन विभाग की भूमिका पर सवाल
वन्यजीव प्रेमी सुमेर सिंह ने आरोप लगाया कि इस क्षेत्र में हिरण का शिकार रोकने वाले जागरूक लोगों को अपराधी निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कई बार वन विभाग को शिकारी गिरोह की जानकारी देते हैं, लेकिन अधिकारियों की चुप्पी और उदासीनता के कारण शिकारी बेखौफ घूम रहे हैं।

